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(आंद्रेई तारकोवस्की को पढ़ते हुए)
तैरता हुआ चाँद
मछलियों के जाल में नहीं फँसता
जब सारा पानी जमकर हो जाता है बर्फ
वह चुपके से बाहर खिसक लेता है
जब झील सूख जाती है
तब उसकी तलहटी में वह फैलाता है अपनी चाँदनी
ताकि रातों को भी दिखाई दे
मछलियों का तड़पना।
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